Sunday, October 25, 2020

Hindu Panchang 25102020, Shubh Vijayadashami

आज का हिन्दू पंचांग


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दिनांक 25 अक्टूबर 2020

दिन - रविवार

विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)

शक संवत - 1942

अयन - दक्षिणायन

ऋतु - हेमंत

मास - अश्विन

पक्ष - शुक्ल

तिथि - नवमी सुबह 07:41 तक तत्पश्चात दशमी

 

तिथियां सूर्योदय व्यापिनी होती हैं तो नवमी और विजयादशमी एक ही दिन कैसे मान्य!

नवरात्रि की अंतिम तिथियों को लेकर इस बार असमंजस की स्थिति है। कोई शुक्रवार को अष्टमी मनाने की बात कह रहा है तो कोई शनिवार को। यही उलझन नवमी और विजयादशमी को लेकर भी है। कोई दोनों को एकसाथ मनाने की बात कह रहा है तो कोई अलग-अलग दिन। तिथियों की इस उलझन पर जानकारी जरूरी है

 

सवाल - अष्टमी-नवमी का निर्धारण सूर्यादय से, तो दशमी का क्यों नहीं?

तिथियों पर मतभेद का संबंध सूर्योदय से है। शास्त्रों में सूर्योदय के बाद जो तिथि रहती है, उसे मान्य बताया गया है। कुछ लोगों का तर्क है कि शनिवार को सूर्योदय के बाद कुछ वक्त तक ही अष्टमी तिथि रहेगी। इसके बाद नवमी लग जाएगी। यह भी अगले दिन सूर्योदय के बाद के कुछ समय तक ही मान्य रहेगी। शहर में जगह-जगह इसी दिन रावण वध की भी तैयारी है। शास्त्रोक्त मान्यता के मुताबिक अष्टमी यदि 24 तारीख और नवमी 25 तारीख को मनाई जानी चाहिए तो फिर विजयादशमी कैसे 25 तारीख को मनाई जा सकती है। सूर्योदय व्यापिनी मानते हुए इसे भी अगले दिन यानी 26 अक्टूबर को मनाया जाना चाहिए।

 

जवाब - हर तिथि सूर्य देखकर तय नहीं की जाती, सबका अलग महत्व

ज्योतिषाचार्ययो का कहना है कि तिथियां सूर्योदय के 16 दंड (24 सेकंड) बाद तक मान्य होती हैं। 24 और 25 अक्टूबर को सूर्योदय 6.07 बजे होगा। पहले दिन अष्टमी तिथि 6.58 बजे यानी सूर्योदय के 51 मिनट बाद तक और दूसरे दिन नवमी सुबह 7.41 बजे यानी सूर्योदय के 1.34 घंटे बाद तक मान्य रहेगी। इसीलिए अष्टमी शनिवार और नवमी रविवार को ही मनाई जाएगी। दशहरा भी रविवार को ही मनाया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हर तिथि सूर्योदय व्यापिनी नहीं होती। प्रदोष व्रत और संकष्टी चतुर्थी जैसी कुछ तिथियां सायंकालीन व्यापिनी मानी गई हैं और विजयादशमी भी इनमें से एक है।

नक्षत्र - धनिष्ठा 26 अक्टूबर प्रातः 04:23 तक तत्पश्चात शतभिषा

योग - गण्ड 26 अक्टूबर रात्रि 12:29 तक तत्पश्चात वृद्धि

राहुकाल - शाम 04:39 से शाम 06:07 तक

सूर्योदय - 06:37

सूर्यास्त - 18:05 (सूर्योदय और सूर्यास्त के समय मे हर जिले के अंतर हो सकता है)

दिशाशूल - पश्चिम दिशा में

व्रत पर्व विवरण - शारदिय नवरात्र समाप्त, विजयादशमी (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), विजय मुहूर्त (दोपहर 02:18 से 03:04 तक), (संकल्प, शुभारंभ, नूतन कार्य, सीमोल्लंधन लिए), दशहरा, गुरु-पूजन, अस्त्र-शस्त्र-शमी वृक्ष-आयुध-वाहन पूजन

  विशेष - नवमी को लौकी खाना मना  है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

 रविवार के दिन ब्रह्मचर्य पालन करे तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)

 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)

 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।

 

 बिना मुहूर्त के मुहूर्त  (दशहरा)

विजयादशमी का दिन बहुत महत्त्व का है और इस दिन सूर्यास्त के पूर्व से लेकर तारे निकलने तक का समय अर्थात् संध्या का समय बहुत उपयोगी है। रघु राजा ने इसी समय कुबेर पर चढ़ाई करने का संकेत कर दिया था कि सोने की मुहरों की वृष्टि करो या तो फिर युद्ध करो।रामचन्द्रजी रावण के साथ युद्ध में इसी दिन विजयी हुए। ऐसे ही इस विजयादशमी के दिन अपने मन में जो रावण के विचार हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, भय, शोक, चिंता इन अंदर के शत्रुओं को जीतना है और रोग, अशांति जैसे बाहर के शत्रुओं पर भी विजय पानी है। दशहरा यह खबर देता है।

 अपनी सीमा के पार जाकर औरंगजेब के दाँत खट्टे करने के लिए शिवाजी ने दशहरे का दिन चुना था बिना मुहूर्त के मुहूर्त ! (विजयादशमी का पूरा दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त है अर्थात इस दिन कोई भी शुभ कर्म करने के लिए पंचांग-शुद्धि या शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं रहती।) इसलिए दशहरे के दिन कोई भी वीरतापूर्ण काम करने वाला सफल होता है।

 वरतंतु ऋषि का शिष्य कौत्स विद्याध्ययन समाप्त करके जब घर जाने लगा तो उसने अपने गुरुदेव से गुरूदक्षिणा के लिए निवेदन किया। तब गुरुदेव ने कहाः वत्स ! तुम्हारी सेवा ही मेरी गुरुदक्षिणा है। तुम्हारा कल्याण हो।

 परंतु कौत्स के बार-बार गुरुदक्षिणा के लिए आग्रह करते रहने पर ऋषि ने क्रुद्ध होकर कहाः तुम गुरूदक्षिणा देना ही चाहते हो तो चौदह करोड़ स्वर्णमुद्राएँ लाकर दो।

 अब गुरुजी ने आज्ञा की है। इतनी स्वर्णमुद्राएँ और तो कोई देगा नहीं, रघु राजा के पास गये। रघु राजा ने इसी दिन को चुना और कुबेर को कहाः या तो स्वर्णमुद्राओं की बरसात करो या तो युद्ध के लिए तैयार हो जाओ।कुबेर ने शमी वृक्ष पर स्वर्णमुद्राओं की वृष्टि की। रघु राजा ने वह धन ऋषिकुमार को दिया लेकिन ऋषिकुमार ने अपने पास नहीं रखा, ऋषि को दिया।

 विजयादशमी के दिन शमी वृक्ष का पूजन किया जाता है और उसके पत्ते देकर एक-दूसरे को यह याद दिलाना होता है कि सुख बाँटने की चीज है और दुःख पैरों तले कुचलने की चीज है। धन-सम्पदा अकेले भोगने के लिए नहीं है। तेन त्यक्तेन भुंजीथा….। जो अकेले भोग करता है, धन-सम्पदा उसको ले डूबती है।

 भोगवादी, दुनिया में विदेशी अपने लिए अपने लिए….’ करते हैं तो व्हील चेयरपर और हार्ट अटैकआदि कई बीमारियों से मरते हैं। अमेरिका में 58 प्रतिशत को सप्ताह में कभी-कभी अनिद्रा सताती है और 35 प्रतिशत को हर रोज अनिद्रा सताती है। भारत में अनिद्रा का प्रमाण 10 प्रतिशत भी नहीं है क्योंकि यहाँ सत्संग है और त्याग, परोपकार से जीने की कला है। यह भारत की महान संस्कृति का फल हमें मिल रहा है।

 तो दशहरे की संध्या को भगवान को प्रीतिपूर्वक भजे और प्रार्थना करें  कि हे भगवान ! जो चीज सबसे श्रेष्ठ है उसी में हमारी रूचि करना।संकल्प करना किआज प्रतिज्ञा करते हैं कि हम ॐकार का जप करेंगे।

 का जप करने से देवदर्शन, लौकिक कामनाओं की पूर्ति, आध्यात्मिक चेतना में वृद्धि, साधक की ऊर्जा एवं क्षमता में वृद्धि और जीवन में दिव्यता तथा परमात्मा की प्राप्ति होती है।

 

पंचक

25 अक्टूबर दोपहर 3.24 से 30 अक्टूबर दोपहर 2.56 बजे तक

21 नवंबर रात्रि 10.24 से 26 नवंबर रात्रि 9.20 बजे तक

19 दिसंबर प्रातः 7.16 से 23 दिसंबर तड़के 4.32 बजे तक

एकादशी

पापांकुशा एकादशी- 27 अक्टूबर दिन मंगलवार

रमा एकादशी- 11 नवंबर दिन बुधवार

 देवुत्थान एकादशी- 25 नवंबर दिन बुधवार

उत्पन्ना एकादशी- 11 दिसंबर दिन शुक्रवार

मोक्षदा एकादशी- 25 दिसंबर दिन शुक्रवार

प्रदोष

बुधवार, 28 अक्‍टूबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)

शुक्रवार, 13 नवंबर - प्रदोष व्रत (कृष्ण)

शुक्रवार, 27 नवंबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)

शनिवार, 12 दिसंबर - शनि प्रदोष व्रत (कृष्ण)

रविवार, 27 दिसंबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)

अमावस्या

रविवार, 15 नवंबर    कार्तिक अमावस्या

सोमवार, 14 दिसंबर   मार्गशीर्ष अमावस्या

पूर्णिमा

शनिवार, 31 अक्टूबर  अश्विन पूर्णिमा व्रत

सोमवार, 30 नवंबर   कार्तिक पूर्णिमा व्रत

बुधवार, 30 दिसंबर   मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत।

 

 

आज का राशिफल



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अपनी राशि के अनुसार जानिए क्या कहता है आपका राशिफल।
प्रत्येक राशि का राशिफल चंद्र ग्रह की गणना पर आधारित होता है। राशिफल को निकालते समय पंचांग की गणना और सटीक खगोलीय विवरण का विश्लेषण किया जाता है। वैदिक पूजन के द्वारा दैनिक राशिफल में बारह राशियों का भविष्यफल बताया जाता है। यहाँ पर दिये गए राशिफल को पढ़कर आप अपनी रोजाना की योजनाओं को सफल बनाने में कामयाब हो सकते है । इस राशिफल में आपके लिए व्यापार, लेन-देन, नौकरी, परिवार, सेहत और मित्रों के साथ संबंध एवं दिन भर में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जाती है।


मेष

आज का दिन आपके लिए बढ़िया रहेगा। काम में जो एक रुकावट सी आ रही थी, वह आज दूर हो जाएगी। शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन आज कुछ नया प्लान करने में बीतेगा। आपका जीवन साथी आपसे कोई ऐसी बात करेगा, जो आपके भविष्य को लेकर होगी और आप काफी ध्यानमग्न होकर उनकी बात सुनेंगे। प्रेम जीवन बिता रहे लोग आज अपने प्रिय की क्रिएटिविटी से काफी खुश होंगे और आपको खुश रखने की पूरी कोशिश करेंगे। पैसों का आगमन होगा, हल्के खर्चे भी रहेंगे।

वृष

आज का दिन आपके लिए अच्छा रहने वाला है। इनकम में बढ़ोतरी होगी, जिससे आपको खुशी मिलेगी। काम के सिलसिले में अभी जो एक मायूसी छाई हुई थी, वह दूर हो जाएगी और आपको अपना काम अच्छा लगेगा, इसलिए आप और ज्यादा ध्यान देकर काम करेंगे और अच्छी परफॉर्मेंस दिखाएंगे। शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन तनाव के बीच गुजरेगा। आपको अपने जीवन साथी के बर्ताव में अजीब सा परिवर्तन देखने को मिलेगा। प्रेम जीवन बिता रहे लोग आज के इस रोमांटिक दिनको खूब अच्छे से बताएंगे और उनके लिए कोई बढ़िया सा गिफ्ट भी लाएंगे। वाद विवाद में सफलता मिलेगी।

मिथुन

आज आपको अपने धन को इन्वेस्टमेंट करने का मौका मिलेगा और जो पहले इन्वेस्टमेंट की है। आज उससे आपको बेनिफिट मिल सकता है। जमीन जायदाद से जुड़े मामले आपको अपनी ओर खींच लेंगे। काम के सिलसिले में दिनमान मध्यम रहेगा। शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन आपसी समझदारी से आगे बढ़ेगा। जीवनसाथी का मन धार्मिक कामों में ज्यादा लगेगा, जबकि प्रेम जीवन बिता रहे लोग भी आज बेहद खुश नजर आएंगे। किसी काम में बाधा आ सकती है, जिसके समाप्त होने के लिए शाम तक इंतजार करें।

कर्क

आज के दिन आप अपने जीवनसाथी से कुछ नाराज नजर आएंगे। उनकी कोई बात आपको अच्छी नहीं लगेगी और आपकी नाराजगी आपके ससुराल वालों पर भी हो सकती है। प्रेम जीवन बिता रहे लोग सावधान रहें। आज किसी भी बात को बढ़ने ना दे, नहीं तो रिश्ते में अलगाव की नौबत आ सकती है। दोस्तों के साथ समय गुजरेगा। वह आपके किसी काम में बड़ी मदद कर सकते हैं। भाग्य की प्रबलता से कामों में सफलता मिलेगी और आप का हौसला मजबूत होगा।

सिंह

मानसिक रूप से तनाव की स्थिति दोपहर बाद दूर हो जाएगी और आपको सब कुछ स्पष्ट दिखाई देने लगेगा। कोई बड़ा निर्णय ले लेंगे, जो भविष्य में बड़ा काम आएगा, लेकिन आज किसी से भी झगड़ा ना करें क्योंकि इसमें आपको हानि उठानी पड़ सकती है और चोट लगने की संभावना बनेगी। पड़ोसियों से अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करेंगे। परिवार का माहौल थोड़ा अशांति पूर्ण हो सकता है। प्रेम जीवन बिता रहे लोग आज बड़े खुश नजर आएंगे और आपका प्रिय बड़ी अच्छी अच्छी बातें करेगा, जो आपका दिल जीत लेंगी। शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन सामान्य रहेगा।

कन्या

दिल में खुशी होगी और मन में प्यार की भावना, इससे आपका निजी और प्रोफेशनल जीवन दोनों ही बड़े अच्छे तरीके से आगे बढ़ेंगे। काम को लेकर आज आप निश्चिंत रहेंगे। शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन बढ़िया रहेगा। एक दूसरे के प्रति आकर्षण होगा और रिश्ते में गंभीरता होगी, जबकि प्रेम जीवन बिता रहे लोग अपनी नीरसता से बाहर निकलेंगे और आपका प्रिय अपने दिल की बात आपसे कहेगा।

तुला

आज का दिन आपके लिए सामान्य रहेगा। बस आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा, जो बिगड़ सकती है, खर्चों में भी अधिकता रहेगी। धन का इस्तेमाल सोच समझ कर करें। प्रेम जीवन बिता रहे लोगों के लिए आज कुछ नई चुनौतियां सामने आएंगी। आपके परिवार वाले कुछ विरोध जता सकते हैं, जबकि शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन आज तनाव के बीच गुजरेगा। एक दूसरे को लेकर कुछ समस्याएं सामने आ सकती हैं।

वृश्चिक

आज का दिन उतार-चढ़ाव और भागदौड़ के बीच गुजरेगा। दिन भर में अपने दोस्तों के साथ काफी बातचीत होंगी, लेकिन शाम होते-होते परिवार को समय देंगे। काम को लेकर आपको आज इधर-उधर ज्यादा भागना पड़ेगा। आप काफी व्यस्त रहेंगे। सेहत को लेकर थोड़ा ध्यान देना जरूरी होगा। प्रेम जीवन बिता रहे लोग अपने रिश्ते में बढ़ती हुई रूमानियत से बहुत खुश नजर आएंगे, जबकि शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन भी आज सुख पूर्वक व्यतीत होगा। आपके परिवार में सभी मिलकर खुशियां मनाएंगे और त्यौहार को अच्छे से सेलिब्रेट करेंगे।

धनु

आज का दिन आपके लिए अच्छा है। आज अपने अकेलेपन को दूर करेंगे और अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को घर आने का न्योता दे सकते हैं। आज के दिन किसी प्रॉपर्टी के सौदे में भी हाथ डाल सकते हैं। काम को लेकर स्थितियां सामान्य रहेंगी। आप आज निजी जीवन को ज्यादा महत्व देंगे। इनकम में बढ़ोतरी दिखाई देगी, जो आपको खुशी देगी। आज आप रोज की भागदौड़ से दूर खुद को समय देंगे और अपने परिवार के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे।

मकर

कुछ दिनों से जो एक निराशा का माहौल चल रहा था। वह आज समाप्त होगा और आप खुलकर हंस पाएंगे। धार्मिक कामों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे और अपने काम को लेकर भी काफी सजग रहेंगे। आज भाग्य के सहारे आपके अच्छे काम बनेंगे और कुछ समय से आप परिवार को कहीं साथ घुमाना ले जाना चाहते थे। आज वह इच्छा भी पूरी हो सकती है। दोस्तों का पूरा साथ मिलेगा और आपका निजी जीवन भी आज आपसे समय की दरकार करेेगा। जीवन साथी को साथ लेकर आज की शाम कहीं बाहर बिताने की योजना बन सकती है।

कुंभ

आज का दिन आपको अपनी सेहत में सुधार देखने को मिलेगा। इनकम के मामले में भी आज आप लकी रहेंगे और कहीं से पैसा आपके पास आ सकता है। घर परिवार में आज खुशी का माहौल रहेगा। लोग बढ़-चढ़कर एक दूसरे की बढ़ाई करते नजर आएंगे। काम के सिलसिले में आपको थोड़ा सा ध्यान देना होगा क्योंकि कुछ समस्याएं आपकी परीक्षा लेंगी। शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन अच्छा रहेगा, जबकि प्रेम जीवन बिता रहे लोग भी आज काफी खुश नजर आएंगे और अपने प्रिय के साथ फ्यूचर प्लानिंग करेंगे।

मीन

आज आप अपने काम में पूरी तत्परता दिखायेंगे। मन में किसी बात को लेकर बहुत जोश होगा और खुद को सिद्ध करने की कोशिश करेंगे। शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन आज बड़ा रोमांटिक होगा, जबकि प्रेम जीवन बिता रहे लोग अपने प्रिय के रूठे बर्ताव से थोड़े निराश हो सकते हैं। आज दोस्तों का सानिध्य मिलेगा और परिवार के लोग आपसे किसी चीज की डिमांड कर सकते हैं। आपकी सेहत अच्छी रहेगी, जिससे दिन बढ़िया जाएगा।।

 


जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं


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दिनांक 25 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 7 होगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति अपने आप में कई विशेषता लिए होते हैं। यह अंक वरूण ग्रह से संचालित होता है। आप खुले दिल के व्यक्ति हैं। आपकी प्रवृत्ति जल की तरह होती है। जिस तरह जल अपनी राह स्वयं बना लेता है वैसे ही आप भी तमाम बाधाओं को पार कर अपनी मंजिल पाने में कामयाब होते हैं। आप पैनी नजर के होते हैं। किसी के मन की बात तुरंत समझने की आपमें दक्षता होती है। 

 

शुभ दिनांक : 7, 16, 25

शुभ अंक : 7, 16, 25, 34

शुभ वर्ष : 2023

ईष्टदेव : भगवान शिव तथा विष्णु 

शुभ रंग : सफेद, पिंक, जामुनी, मेहरून   

 

कैसा रहेगा यह वर्ष

आपके कार्य में तेजी का वातावरण रहेगा। आपको प्रत्येक कार्य में जुटकर ही सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। अधिकारी वर्ग का सहयोग मिलेगा। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए समय सुखकर रहेगा। नवीन कार्य-योजना शुरू करने से पहले केसर का लंबा तिलक लगाएं व मंदिर में पताका चढ़ाएं

 

#AajKaUPAY

 



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गृह कलह से मुक्ति हेतु

 

परिवार में पैसे की वजह से कलह रहता हो, तो दक्षिणावर्ती शंख में पांच कौड़ियां रखकर उसे चावल से भरी चांदी की कटोरी पर घर में स्थापित करें। यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार को या दीपावली के अवसर पर करें, लाभ अवश्य होगा।

 

व्यापार व नौकरी में स्थिरता हेतु

 

वे लोग जो अपने व्यापार व नौकरी को लेकर हमेशा तनाव में रहते हैं। बार-बार अपना कारोबार बदलते है व बार-बार नौकरी बदलते है तथा कहीं पर भी स्थिर नहीं रह पाते हैं। उन्हें यह प्रयोग जरूर अजमाना चाहिए। 17 इंच लंबा काला रेशमी धागा ले उसे लाल चंदन, कुंकम व केसर को घोलकर उसे रंग लें। तत्पश्चात 'ॐ हं पवननंदनाय स्वाहा' मंत्र का जाप करते हुए आठ गांठ लगा दें। प्रत्येक गांठ पर एक सौ आठ पर इस मंत्र का जाप करें। तत्पश्चात इस अभिमंत्रित धागे को अपने कारोबार के मुख्य द्वार पर बांध दे। नौकरी से संबंधित लोगों को अपनी चेयर या मेज की दराज में रख ले या कुर्सी पर यह धागा बांध लें। कारोबार व नौकरी में अवश्य स्थिरता आ जायेगी।

 

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