Wednesday, July 29, 2020

How to remove wart (massa) from body parts during lockdown

आयुर्वेद में मस्से हटाने के तरीके उपचार

 

 

मस्से कई लोगों को इरिटेट करती है. 

ये त्वचा पर लगभग फोड़े जैसी शक्ल में दिखाई पड़ती है. लेकिन ये फोड़ा-फुंसी नहीं होता है. ये कोई बहुत गंभीर समस्या तो नहीं है लेकिन इसे इसे हल्के में लेना भी ठीक नहीं है. 

यदि आपको इसके साथ कोई और समस्या हो या फिर इस दौरान दर्द हो तो आपको चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. 

मस्से कि समस्या से पीड़ितों की संख्या भी अब अच्छी-ख़ासी है. मस्से हमारे त्वचा पर एक उपज की तरह होते हैं. इसके साथ ही ये सुसाध्य भी समझे जाते हैं. हालांकि ये कैंसरयुक्त तो नहीं होते हैं लेकिन फिर भी इनसे ग्रसित कई लोग इन्हें निकालने के लिए परेशान रहते हैं. इसके पीछे कारण ये है कि मस्से त्वचा पर अच्छे नहीं लगते हैं. 

यहाँ आपको ये भी बता दें कि आपके शरीर पर मस्से 'ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस' के कारण विकसित हो पाते हैं. इसके अलावा हमारे शरीर कि त्वचा पर बेडौल और रुखी सतहों का विकसित होना भी मस्सों के लक्षण हो सकते हैं. 

ज़्यादातर बार मस्से अपने आप विकसित होकर अपने आप ही गायब भी हो जाते हैं. हलांकी कुछ मस्से अत्याधिक पीड़ादायक साबित होते हैं. ऊपर से ये फैलते भी बहुत तेजी से हैं. आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि इनमें से कई मस्से तो बरसों तक बने रहते हैं. इसलिए इनका उपचार बेहद आवश्यक है. तो आइए इस लेख के माध्यम से हम आपको मस्से का कुछ आयुर्वेदिक उपचार बताएं.

 बरगद के पत्तों से

बरगद का पेड़ हमारे यहाँ काफी लोकप्रिय है. इसी के नीचे भगवान बुद्ध, बुद्धत्व को प्राप्त हुए थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके पत्ते का रस मस्सों के उपचार के लिए बहुत ही प्रभावी साबित होता है. इसके इस्तेमाल से त्वचा मुलायम भी हो जाती है और मस्से अपने आप गिरने लग जाते हैं.

 हल्दी पाउडर के द्वारा

हल्दी पाउडर का इस्तेमाल किए बिना हमारे यहाँ भोजन नहीं बनता है. इसके सहायता से आप मस्सों का उपचार कर सकते हैं. इसके लिए आपको एक चम्मच कोथमीर का रस लेकर उसमें एक चुटकी हल्दी डालकर इसका सेवन करने से मस्सों से निजात मिलती है.

 आलू भी है उपचार

आलू के बिना सब्जियाँ कैसी लगेंगी? सभी सब्जियों में आलू कॉमन होता है. इसके इस्तेमाल से आप मस्सों से छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए कच्चे आलू के एक स्लाइस को आप नियमित रूप से दस मिनट तक मस्से पर लगाकर रखें इससे लाभ मिलेगा.

 केले का छिलका

केले के छिलके कि सहायता से आप मस्से को दूर कर सकते हैं. इसके लिए आपको केले के छिलके को अंदर की तरफ से मस्से पर रखकर उसपर एक पट्टी बांध लें. नियमित रूप से दिन में दो बार लगातार ऐसा करने से मस्से ख़तम हो जाते हैं.

 अरंडी के तेल कि सहायता से

यदि आप अरंडी का तेल नियमित रूप से मस्सों पर लगायें तो इससे भी मस्से नरम पड़ सकते हैं. कुछ दिन तक इसे लगाते रहने से मस्से धीरे धीरे गायब हो जायेंगे. आप चाहें तो अरंडी के तेल के बदले कपूर के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

 लहसुन के इस्तेमाल से

मस्से को दूर करने के लिए लहसून के एक टुकड़े को पीसकर रखें. हलांकी ये ध्यान रखें कि ये बहुत महीन न हो और इस पीसे हुए लहसून को मस्से पर रखकर इसे पट्टी से बांध लें. इससे भी मस्सों के उपचार में काफी सहायता मिलती है.

 कारगर है मौसम्मी का रस

मौसम्मी के रस कि एक ताजा बूँद यदि आप अपने मस्से पर नियमित रूप से लगाएँ तो इससे भी काफी राहत मिलती है. लगाने के बाद इसपर पट्टी बाँध लें. दिन में 3-4 बार ऐसा करने पर आपके मस्से गायब हो जाएंगे.

 अम्लाकी से

अम्लाकी का रस भी मस्सों को दूर करने में सहायक साबित होता है. इसका रस आपको मस्सों पर तब तक मलते रहना होगा जब तक कि मस्से उस रस को सोख न लें. इसके बाद अम्लाकी के रस को मस्से पर मल कर पट्टी से बांध लें.

 अन्य विभिन्न तरीके

इसके लिए आपको बंगला, मलबारी, कपूरी, या नागरबेल के पत्ते के डंठल का रस मस्से पर लगाने से मस्से झड़ जाते हैं. यदि तब भी न असर न हो तो आपको पान में खाने का चूना मिलाकर घिसना चाहिए.

 

अलसी के बीजों को पीस लें. उसके बाद इसमें अलसी का तेल और शहद मिलाएं. इस मिश्रण को मस्से पर लगाएं. 4-5 दिनों में आपको परिणाम दिखाई देगा.

 

थोड़ा-सा ऐप्पल साइडर विनेगर कॉटन बॉल पर लगाकर, दिन में तीन बार मस्सों पर लगाएं. कुछ हफ़्तों में मस्से ग़ायब हो जाएंगे. खट्टेस सेब का जूस भी मस्सों पर काफ़ी प्रभावी होता है.

 

बेकिंग सोडा और अरंडी के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर रात को मस्सों पर लगाएं. सुबह धो लें. कुछ दिनों तक नियमित रूप से यह नुस्ख़ा आज़माकर इसका लाभ ख़ुद ही देखें. अरंडी के तेल की जगह कपूर के तेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

 

लहसुन की कली को छीलकर उसे काट लें. ‌उसके बाद इसे मस्से की जगह पर रगड़िए. कुछ ही दिनों में मस्से सूखकर गिरने लगेंगे.

 

ताजा कटा हुआ अनन्ना़स भी मस्सों को हटाने में कारकर है. मस्सों की जगह पर ताज़ा कटा अनन्नास लगाने से फ़ायदा होता है.


मस्से हटाने का एक तरीक़ा है, उन्हें अगरबत्ती से जलाना. अगरबत्ती लें और उसके जलते हुए हिस्से को मस्से से स्पर्श करें. 8-10 बार ऐसा करने से मस्सा सूखकर झड़ जाता है. सावधानी यह रखें कि अगरबत्ती का स्पर्श केवल मस्से पर ही हो, अन्यथा त्वचा जल सकती है.


मस्से यदि आपकी सुदरता में धब्बा बन कर आपको परेशान कर रहे हैं तो इन आसान उपायों की सहायता से आप इनसे छुटकारा पा सकते हैं।

 

केवल आपको इन्हें लगातार उपयोग करना है.

 

नीचे कई इलाज और नुस्खे दिए गए हैं.

इनमें से किसी एक या दो, जो आपको आसान लगें, उनको अपनाईये.

यदि एक माह बाद भी लाभ न मिले तो अन्य दिया गया नुस्खा अपनाईये.

 

ये इसलिए क्योकि मस्सों की अलग अलग किस्में होती हैं.

कुछ आसानी से चले जाते हैं जबकि कुछ थोडा अधिक समय लेते हैं.

 

मस्से हटाने केआसान, कारगर उपाय

 

1 रोज दो तीन बार प्याज के रस मस्सों पर लगाने से मस्से जड़ से खत्म हो जाएंगे।

 

प्याज को काट कर भी मस्से पर घिसना लाभप्रद है।

 

2 यदि छोटे-छोटे काले मस्से हो गए हों तो उन पर काजू के छिलकों का लेप लगाने से मस्से साफ हो जाते हैं।

 

3 समान मात्रा में चूना और घी लेकर दोनों को खूब फेंटकर सुरक्षित रखें।इसे दिन में 3-4 बार मस्सों पर लगाएं। मस्से जड़ से मिट जाएंगे।

 

4 कास्टिक सोडा 6 ग्राम 250 ग्राम पानी में घोलकर बोतल को सुरक्षित जगह पर, बच्चों से दूर रख दें।

सावधानी से रूई की सहायता से मस्सों पर लगाएं।

मस्सों के लिए यह रामबाण दवा है।

 

एलोवेरा का उपयोग

 

5 ग्वार पाठा (एलोवेरा) से मस्से की चिकित्सा की जा सकती है।

 

एलोवेरा के रस में रूई का फ़ाया (काटन बाल) एक मिनट के लिये भिगोएं फ़िर इसे मस्से पर रखें और चिपकने वाली पटी (एढीसिव टेप) से स्थिर कर दें।

यह प्रक्रिया दिन में कई बार करना उचित है।

3-4 हफ़्ते में मस्से साफ़ हो जाएंगे।

 

सेव का सिरका

 

मस्सों पर लगाने से मस्सों के छोटे-छोटे टुकड़े होकर गिर जाते हैं।

 

7 फिटकरी और काली मिर्च आधा-आधा ग्राम, पानी में पीसकर मस्से पर मलने से लाभ होता है।

 

ये नुस्खा मुहासे पर भी कारगर रहता है

 

8 बरगद के पेड़ के पत्तों का रस मस्सों के उपचार के लिए बहुत ही असरदार होता है।

इस प्रयोग से त्वचा सौम्य हो जाती है और मस्से अपने आप गिर जाते हैं।

 

एक चम्मच कोथमीर (हरा धनिया) के रस में एक चुटकी हल्दी डालकर सेवन करने से मस्सों से राहत मिलती है।

 

कच्चे आलू का एक स्लाइस नियमित रूप से दस मिनट तक मस्से पर लगाकर रखने से मस्सों से छुटकारा मिल जायेगा।

 

एक अगरबत्ती जला लें और अगरबत्ती के जलते हुए गुल को मस्से का स्पर्श कर तुरन्त हटा लें।ऐसा 8-10 बार करें, इस उपाय से मस्सा जल सूखकर झड़ जाएगा।

 

ताजा अंजीर जिसमें दूध निकलता हो, लें।

इसकी कुछ मात्रा कुचल-मसलकर मस्से पर लगावें और 30 मिनिट तक लगा रहने दें फ़िर गरम पानी से धोलें।

3-4 हफ़्ते में मस्से समाप्त होंगे।

 

केले के छिलके

 

13 केले के छिलके के अंदर के भाग को मस्से पर रखकर उसे एक पट्टी से बांध लें।

 

और ऐसा दिन में दो बार करें.

 

लगातार करते रहें जब तक कि मस्से ख़तम नहीं हो जाते।

 

अरंडी का तेल

नियमित रूप से मस्सों पर लगायें।

 

इससे मस्से नरम पड़ जायेंगे, और धीरे धीरे गायब हो जायेंगे।

 

अरंडी के तेल में कपूर मिलाकर भी प्रयोग कर सकते हैं।

 

कलौंजी के कुछ दाने सिरके में पीस कर मस्सों पर लगा कर सो जाए कुछ दिनों में मस्से कट जायेंगे।

 

एक बूँद ताजे मौसमी का रस मस्से पर लगा दें, और इसे भी पट्टी से बांध लें।

 

इसे दिन में लगभग 3 या 4 बार करे

 

बेकिंग सोडा और अरंडी तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर इस्तेमाल करने से मस्से धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं।

 

हरे धनिए को पीसकर उसका पेस्ट बना लें और इसे रोजाना मस्सों पर लगाएं।

 

त्वचा को अच्छी तरह धोएं और सिरके में कॉटन को भिगोकर तिल-मस्सों पर लगाएं दस मिनट बाद गर्म पानी से त्वचा को धो लें। कुछ दिनों में मस्से गायब हो जाएंगे।

 

रात को सोते वक्त और सुबह के समय मस्सों पर शहद लगाने के लाभकारी परिणाम मिले हैं।

 

खानपान

 

बी काम्पलेक्स, विटामिन ए, सी, ई युक्तआहार के सेवन से मस्सों को दूर किया जा सकता है।

 

मस्सों से छुटकारा पाने के लिए पोटेशियम भी बहुत लाभदायक होता है।

 

पोटेशियम बहुत सी साग-सब्जी और फलों में पाया जाता है।

 

जैसे सेब, केला, अंगूर, आलू, मशरूम, टमाटर, पालक इत्यादि।इन आहारों से मस्सों का बनना रुक जाता है.

 

तुरंत काटा हुआ आलू मस्सों पर लगाने से बड़ा फ़ायदा होता है. आलू को काटें और तुरंत उसकी फांक मस्सों पर रगड़ें. दिन में 3 से 4 बार ऐसा करने से मस्से सूखकर गिरने लगते हैं.

 

अलसी के बीजों को पीस लें. उसके बाद इसमें अलसी का तेल और शहद मिलाएं. इस मिश्रण को मस्से पर लगाएं. 4-5 दिनों में आपको परिणाम दिखाई देगा.

 

थोड़ा-सा ऐप्पल साइडर विनेगर कॉटन बॉल पर लगाकर, दिन में तीन बार मस्सों पर लगाएं. कुछ हफ़्तों में मस्से ग़ायब हो जाएंगे. खट्टेस सेब का जूस भी मस्सों पर काफ़ी प्रभावी होता है.

 

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ताजा कटा हुआ अनन्ना़स भी मस्सों को हटाने में कारकर है. मस्सों की जगह पर ताज़ा कटा अनन्नास लगाने से फ़ायदा होता है.

 

चेतावनी::_:: नोट: कोई भी नुस्ख़ा आज़माने से पहले किसी अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक की राय ज़रूर ले लें


Health Warning and Cautions.

Your patience matters as these have no bad side effect.

सभी टिप्स कारगर है लेकिन यूज करते समय नियमितता ओर धैर्य रखे

ये होम रिमेडिज है जादू की छडी नही 100% फायदा होता है नुकसान कुछ नही है

आज की पोस्ट मे बताये नुस्खे के सामान से आपको एलर्जी है तो उसको ना यूज करना आपकी जिम्मेदारी है

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Tuesday, July 28, 2020

How to cure tingling (jhanjhanahat) in hand, leg during lockdown

Tingling in hands are a common problem in lockdown due to constant use of mobile phones, staying in one position and not doing physical exercise


हाथ पैरों के सुन्न / झनझनाहट हो जाये तो...

 

हाथ पैर सुन्न होने का कारण –

अंग के सुन्न होने या झनझनाहट का मुख्य कारण वहां रक्त संचार की कमी है।

जब शरीर के किसी भी अंग में अधिक समय तक दबाव होता है या रक्त संचार ढंग से नहीं होता तो शरीर की नसों पर असर पड़ने लगता है।

इससे शरीर के अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और रक्त संचार नहीं हो पाता है, जिससे उन अंगों में झनझनाहट होने लगती है या वे सुन्न हो जाते हैं।

 

1. यदि आपके हाथ या पैर सुन्न हो गए हैं तो आप एक बड़े बर्तन में गुनगुना पानी लें और उसमें सेंधा नमक मिलाएं। फिर इसमें सुन्न हुआ अंग करीब 10 मिनट के लिए भिगो कर रखें। एेसा करने से काफी आराम मिलेगा।

 

2. एक चम्मच दालचीनी और शहद मिला कर सुबह कुछ दिनों तक सेवन करें।

 

3. हाथ पैरों के सुन्न पड़ने पर जैतून या फिर सरसों के तेल को गुनगुना गर्म करके उससे हाथ पैरों की मालिश करें, इससे नसें खुलती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर ठीक हो जाता है।

 

4. एक साफ कपड़े को गरम पानी {पानी जितना गरम सह सके उतना गरम ले ज़्यादा गरम से स्किन जल जाने की संभावना} में भिगो कर कपड़े निचोड़ लें उस कपड़े से  पांच-सात मिनट के लिए प्रभावित जगह को सेंके। सुन्नपन दूर होने तक इस उपाय को कई बार दोहराएं।

 

5. नियमित व्यायाम करें


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How to know health condition: Urine is the way

Urine is the best method to know health condition

 पेशाब में आ रहा है झाग तो हो जाये सावधान

 

ज्यादातर लोग पेशाब में झाग को सामान्य तौर पर लेते हैं और अनदेखा करते हैं. लेकिन आप इस बात को जानकर हैरान हो जाएंगे कि पेशाब में झाग आना या बुलबुले बनना आम या सामान्य नहीं है इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।

 

पेशाब में झाग या बुलबुला का आना दर्शाता है कि हमारा शरीर अंदरूनी रूप से बीमार है यानी कि कहीं ना कहीं कुछ तो समस्या है जिसकी वजह से पेशाब में झाग आ रहा है।

 

वैसे तो इसके कई कारण हैं लेकिन कुछ कारण ऐसे हैं जो हमारी जान के लिए आफत भी बन सकता है.

इसलिए इसके नुकसान के बारे में हर किसी को निश्चित रूप से जानना चाहिए।

 

तो चलिए जानते हैं कि आखिर पेशाब में झाग आने के पीछे कौन-कौन से कारण हो सकते हैं और ये हमारे शरीर को क्या नुकसान पहुंचा सकते हैं.

 

तनाव:

 जिन लोगों को अधिक मानसिक तनाव होता है उन्हें यूरिन की यह समस्या हो सकती है। एलब्यूमिन नाम का एक प्रोटीन जो यूरिन में पाया जाता है, अधिक तनाव लेने के कारण यह प्रोटीन किडनी से बाहर निकलने लगता है जिससे यूरिन में झाग बनती है।

 

किडनी में पथरी:

 किडनी में पत्थरी या इसके अस्वस्थ होने की वजह से भी यूरिन में झाग बनती है।

 

गर्भावस्था के दिनों में -

 आम तौर पर जब महिलाएं गर्भवती होती हैं तो उनके किडनी का आकार बढ़ने लगता है. डॉक्टरों की माने तो प्रेगनेंसी के दिनों में महिलाओं की किडनी में काफी ज्यादा मात्रा में अमिनो एसिड फिल्टर होता रहता है जिसकी वजह से पेशाब में झाग आने लगता है.

 

डिहाइड्रेशन -

 डिहाइड्रेशन के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है और पेशाब गाढ़ा होने लग जाता है जिसकी वजह से भी पेशाब में झाग आना आम बात है. अगर आपके साथ भी ऐसी समस्या हो रही है तो आपको भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए।

 

बार बार पेशाब आना -

 अगर किसी व्यक्ति को बार बार पेशाब आता है तो ऐसे में पेशाब में झाग आना सामान्य सी बात है इसमें कोई डरने की बात नहीं होती.

 

प्रोटीन की मात्रा का बढ़ना -

 प्रोटीन का जरूरत से ज्यादा सेवन हमारे शरीर में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ा देता है.

अगर हमारा शरीर स्वस्थ है और उसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो जाती है तो ऐसे में ये प्रोटीन पेशाब के द्वारा बाहर आता है जिसकी वजह से पेशाब में बुलबुले या झाग आने लगते हैं. इसके लिए आवश्यक है कि उचित मात्रा में ही प्रोटीन लेना चाहिए.

 

यूरीन में इंफेक्शन -

 यूरिन में इंफेक्शन होने की परिस्थिति में जो रोगाणु होते हैं वे पेशाब के रास्ते बाहर निकलते रहते हैं जिसकी वजह से पेशाब में बुलबुले या झाग बनने लगते हैं. इसके लिए एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करना चाहिए.

 

किडनी खराबी के लक्षण -

 कई बार लगातार पेशाब में झाग का बनना किडनी के खराब होने का भी संकेत दे सकता है. इसलिए अगर आपके पेशाब में लगातार झाग आ रहा है तो तुरंत ही किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से आपको परामर्श लेने की आवश्यकता है।

 आप ध्यान देंगे तो पाएंगे कि किसी भी बीमारी के इलाज के लिए जाएं तो पेशाब की जांच करवाने के लिए निश्चित रूप से कहा जाता है क्योंकि किसी भी व्यक्ति के पेशाब के बदबू या फिर रंग से उसके स्वास्थ्य की जानकारी मिल सकती है. परंतु कभी-कभी अगर झाग आता है तो ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. लेकिन लगातार ऐसा हो रहा है तो निश्चित रुप से तुरंत ही डॉक्टर की परामर्श ले लेनी चाहिए.

 

पेशाब में झाग

हमारा शरीर ऐसा है जो किसी भी बीमारी का संकेत हमें निश्चित रूप से देता है. बस आवश्यकता होती है हमें उसे पहचानने की और अपने आप को स्वस्थ और फिट बनाएं रख सकते हैं.

 

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How to improve health with Kali Mirch (Black Pepper)

Ayurvedic value of Kali Mirch

(Black Pepper)

 

हर दिन 3 काली मिर्च खाने के ये फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे आप

 आमतौर पर रसोई में खाने का स्वाद बढ़ाने और मसालों के रूप में इस्तेमाल होने वाली काली मिर्च खाने के कई फायदे हैं. 

आमतौर पर यह अवधारणा है कि काली मिर्च का ज्यादा सेवन आपकी सेहत को नुकसान दे सकता है. इसलिए जरूरी है कि आप काली मिर्च का सेवन करने में संयमित रहें. 

हर दिन दो से तीन काली मिर्च आपके शरीर के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित होंगी. 

इतना ही नहीं आप काली मिर्च खाने से अपनी कई बीमारियों का इलाज घर बैठे कर सकते हैं. 

आयुर्वेद में काली मिर्च को औषधि बताया गया है|

 

१.सर्दी रहे दूर

२.चर्म रोग दूर करें

३.टेंशन होती है दूर

४.दांतों के लिए फायदेमंद

५.हिचकी दूर करें

६.गैस और एसिडिटी से फायदा

७.पेट के कीड़ों को दूर करें

८.कैंसर से बचाव

 

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Health is the secret of all happiness

How to maintain perfect health: An inspiring story

स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूंजी है

 

एक बार की बात है एक गॉव में एक धनी व्यक्ति रहता था| उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं थी लेकिन वह बहुत ज़्यादा आलसी था

अपने सारे काम नौकरों से ही करता था और खुद सारे दिन सोता रहता या अययाशी करता था वह धीरे धीरे बिल्कुल निकम्मा हो गया था| उसे ऐसा लगता जैसे मैं सबका स्वामी हूँ क्यूंकी मेरे पास बहुत धन है मैं तो कुछ भी खरीद सकता हूँ

यही सोचकर वह दिन रात सोता रहता था| लेकिन कहा जाता है की बुरी सोच का बुरा नतीज़ा होता है| बस यही उस व्यक्ति के साथ हुआ

कुछ सालों उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे उसका शरीर पहले से शिथिल होता जा रहा है उसे हाथ पैर हिलाने में भी तकलीफ़ होने लगी यह देखकर वह व्यक्ति बहुत परेशान हुआ| उसके पास बहुत पैसा था उसने शहर से बड़े बड़े डॉक्टर को बुलाया और खूब पैसा खर्च किया लेकिन उसका शरीर ठीक नहीं हो पाया| वह बहुत दुखी रहने लगा

एक बार उस गॉव से एक साधु गुजर रहे थे उन्होने उस व्यक्ति की बीमारी के बारे मे सुना| सो उन्होनें सेठ के नौकर से कहा कि वह उसकी बीमारी का इलाज़ कर सकते हैं| यह सुनकर नौकर सेठ के पास गया और साधु के बारे में सब कुछ बताया

अब सेठ ने तुरंत साधु को अपने यहाँ बुलवाया लेकिन साधु ने कहा क़ि वह सेठ के पास नहीं आएँगे अगर सेठ को ठीक होना है तो वह स्वयं यहाँ चलकर आए| सेठ बहुत परेशान हो गया क्यूंकी वो असहाय था और चल फिर नहीं पता था

लेकिन जब साधु आने को तैयार नहीं हुए तो हिम्मत करके बड़ी मुश्किल से साधु से मिलने पहुचें| पर साधु वहाँ थे ही नहीं| सेठ दुखी मन से वापिस आ गया अब तो रोजाना का यही नियम हो गया साधु रोज उसे बुलाते लेकिन जब सेठ आता तो कोई मिलता ही नहीं था

ऐसे करते करते 3 महीने गुजर गये| अब सेठ को लगने लगा जैसे वह ठीक होता जा रहा है उसके हाथ पैर धीरे धीरे कम करने लगे हैं| अब सेठ की समझ में सारी बात आ गयी की साधु रोज उससे क्यूँ नहीं मिलते थे| लगातार 3 महीने चलने से उसका शरीर काफ़ी ठीक हो गया था

तब साधु ने सेठ को बताया की बेटा जीवन में कितना भी धन कमा लो लेकिन स्वस्थ शरीर से बड़ा कोई धन नहीं होता|



तो मित्रों, यही बात हमारे दैनिक जीवन पर भी लागू होती है पैसा कितना भी कमा लो लेकिन स्वस्थ शरीर से बढ़कर कोई पूंजी नहीं होती|

 

 


How to make perfect Aloe Vera face pack

Aloe Vera - Ayurvedic remedies

आयुर्वेदिक उपचार
एलोवेरा

 

चमकदार त्वचा के लिए एलोवेरा फेस पैक

 

एक चुटकी हल्‍दी, एक चम्मच शहद, एक चम्‍मच दूध और गुलाब जल की कुछ बूंदों का मिश्रण बना लें।

इसमें थोड़ा सा एलोवेरा का जैल मिला लें और इसे अच्छी तरह से मिक्‍स करें।

चेहरा और गर्दन पर लगायें।

20 मिनट के लिए रखें और फिर ठंडे पानी से धो दें।

 टैन हटाने के लिए एलोवेरा फेस मास्क

 नींबू के रस की कुछ बूंदों में एलोवेरा मिश्रण मिलायें।

 प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।

15 मिनट के लिए छोड़ दें।

ठंडे पानी से धोएं।


 पिग्मन्टेशन मार्क्स हटाने के लिए एलोवेरा फेस पैक  एलोवेरा और गुलाब जल को मिलाकर पेस्ट तैयार करें।  इसे चेहरे पर लगाए और कम से कम 15 मिनट के लिए इसे ऐसे ही रहने दें। ठंडे पानी से चेहरे को धो लें

 

 

Health Warning and Cautions.

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Monday, July 27, 2020

How to take Amritdhara _ Ayurvedic remedies

How to take Amritdhara_ Ayurvedic remedies



Amritdhara ke Fayde

अमृतधारा सेवन विधि

 

अमृतधारा की 4 बूंदे 1 कप पानी में डालकर उपयोग करें |

 

1-अमृतधारा कई बीमारियों में दी जाती है, जैसे बदहजमी, हैजा और सिर-दर्द।

 

2-बदहजमी-थोड़े से पानीमें तीन-चार बूंद अमृतधारा की डालकर पिलाने से बदहजमी, पेट-दर्द, दस्त, उलटी ठीक हो जाती है। चक्कर आने भी ठीक हो जाते हैं।

 

3-हैजा-एक चम्मच प्याजके रसमें दो बूंद अमृतधारा डालकर पीने से हैजा में फायदा होता है।

 

4- सिर दर्द-अमृतधाराकी दो बूंद ललाट और कान के आस-पास मसलने से सिर-दर्द में फायदा होता है।

 

5-छाती का दर्द-मीठे तेल में अमृतधारा मिलाकर छाती पर मालिश करने से छातीका दर्द ठीक हो जाता है।

 

6- जुकाम- सूंघने पर साँस खुलकर आता है तथा जुकाम ठीक हो जाता है।

 

7-मुह के छाले थोड़े से पानीमें एक-दो बूंद अमृतधारा डालकर छालों पर लगानेसे फायदा होता है।

 

8 -दाँत दर्द- दाँत-दर्द में अमृतधारा का फाया रखकर दबाये रखने से राहत मिलती है।

 

9-खाँसी- चार-पाँच बूंद अमृतधारा हलके गर्म पानी में डालकर सुबह-शाम कुछ दिन पीने से श्वास, खाँसी, दमा और क्षय-रोग में फायदा होता है।

 

10-हृदय रोग आँवले के मुरब्बे में तीन-चार बूंद अमृतधारा डालकर खिलाने से दिल के रोग में राहत मिलती है।

 

11-पेट दर्द बताशे में दो बूंद अमृतधारा डालकर खानेसे पेटके दर्द में आराम मिलता है।

 

12-मन्दाग्नि-भोजन के बाद दोनों वक्त ठंडे पानी में दो-तीन बूंद अमृत धारा डालकर पीने से मन्दाग्नि, अजीर्ण, बादी, बदहजमी एवं गैस ठीक हो जाती है।

 

13 -कमजोरी-दस ग्राम गाय के मक्खन और पाँच ग्राम शहद में तीन बूंद अमृतधारा मिलाकर प्रतिदिन खानेसे शरीरको कमजोरी में फायदा होता है।

 

14-हिचकी-अमृतधारा की एक-दो बूंद जीभ में रखकर, मुँह बंद करके सूंघने से चार मिनटमें ही हिचकी में फायदा होता है।

 

15-खुजली-दस ग्राम नीम के तेल में पाँच बूंद अमृतधारा मिलाकर मालिश करनेसे, हर तरहकी खुजली में फायदा होता है।

 

16-मधुमक्खी के काटने पर ततैया, बिच्छू, भंवरा या मधुमक्खी के काटने की जगहपर अमृतधारा मसलने से दर्द में राहत मिलती है।

 

17-बिवाई- दस ग्राम वैसलीनमें चार बूंद अमृतधार मिलाकर, शरीर के हर तरहके दर्दपर मालिश करने दर्द में फायदा होता है। फटी बिवाई और फटे होंठों पर लगानेसे दर्द ठीक हो जाता है तथा फटी चमडी जुड़ जाती है।

 

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सभी टिप्स कारगर है लेकिन यूज करते समय नियमितता ओर धैर्य रखे

ये होम रिमेडिज है जादू की छडी नही 100% फायदा होता है नुकसान कुछ नही है

आज की पोस्ट मे बताये नुस्खे के सामान से आपको एलर्जी है तो उसको ना यूज करना आपकी जिम्मेदारी है

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How to cure many ills without pills, take ginger

Ginger and its benefit

How to cure many ills without pills
Ginger can do wonders if taken in appropriate quantity

 


अदरक के आयुर्वेदिक उपचार


खांसी के लिए

खांसी में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। खांसी आने पर अदरक के छोटे टुकडे को बराबर मात्रा में शहद के साथ गर्म करके दिन में दो बार सेवन कीजिए। इससे खांसी आना बंद हो जाएगा और गले की खराश भी समाप्त होगी।

 

भूख की कमी के लिए

अगर भूख लगने में दिक्कत हो रही हो तो अदरक का नियमित सेवन करने से भूख न लगने की समस्या का निजात मिल जाएगा। अदरक को बारीक काटकर, थोडा सा नमक लगाकर दिन में एक बार लगातार आठ दिन तक खाइए। इससे पेट साफ होगा और ज्यादा भूख लगेगी।

 

हाजमे के लिए

पेट और कब्ज की समस्या के लिए अदरक बहुत फायदेमंद है। अदरक को अजवाइन और नींबू के रस के साथ थोडा सा नमक मिलाकर खाइए। इससे पेट का दर्द ठीक होगा और खट्टी-मीठी डकार आना बंद हो जाएगी।

 

उल्टी के लिए

अगर बार-बार उल्टी आ रही हो तो अदरक को प्याज के रस के साथ दो चम्मच पिला दीजिए। इससे उल्टी आना बंद हो जाएगी।

 

सर्दी और जुकाम

सर्दी और जुकाम में अदरक बहुत फायदेमंद है। सर्दी होने पर अदरक की चाय पीने से फायदा होता है। इसके अलावा अदरक के रस को शहद में मिलाकर गर्म करके पीने से फायदा होता है।


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Marathi Translation

आले आणि त्याचा फायदा
गोळ्याशिवाय बर्‍याच आजारांना कसे बरे करावे
योग्य प्रमाणात घेतल्यास आले चमत्कार करू शकते

 


अदरकची आयुर्वेदिक उपचार

खांसीसाठी

खांसी मध्ये अदरक खूप फायदेमंद आहे. खांसी येताना अदरकच्या लहान तुकड्यावर बराबर प्रमाणात शहदाच्या दिवसात दोनदा तपासणी चालू असते. खांसी आना बंद होणारी आणि ग्लेची खराशही संपेल.

भूख कमी

जर भूक लग्नेमध्ये डिक्कीट असेल तर अदरकच्या नियमित समस्येपासून भूख न लागणेची समस्या निराकरण होईल. अदरकचा रात्रीचा कटकर, थोडा सा नमक लागणारा दिवसात एकदा सतत आठवडाभर खायला. पेट साफ होईल आणि जास्त भूख लागी.

हाजमे साठी

पेट आणि अडचणी समस्या अदरक खूप फायदा आहे. अदरकचा अजवाइन आणि निंबूचा रस थोडा सा नमक मिलाकर खाया. पेट दुखणे ठीक आहे आणि खट्टी-मीठी डकार आना बंद होइल.

 उल्टी साठी

जेव्हा बार-बार उल्टी होती तेव्हा अदरकच्या गोंडस रसांसह दोन चम्मच पिला दीजे होते. उल्टी आना बंद होअर.

सर्दी आणि जुंप

सर्दी आणि जुकाममध्ये अदरक खूप फायदेमंद आहे. सर्दी होण्यापूर्वी अदरक चाय पेने येते. याव्यतिरिक्त अदरकचा रस शहदमध्ये मिसकर गर्मीने पेनेपासून बनलेला आहे.


How to cure headache

How to cure headache


What to use to treat headache

 












सिर दर्द का आयुर्वेदिक उपचार

 

सिर दर्द में आप लौंग पाउडर और नमक का पेस्ट बना कर इसे दूध में मिलाकर पीएं, तुरंत आराम मिलेगा।

 

पिपरमिंट सिरदर्द के लिए बेहद फायदेमंद है।

इसलिए अगर आपको सिर दर्द की शिकायत है, तो आप इसे चाय में मिलाकर पी सकते हैं। इससे आपको तुरंत आराम मिलेगा।

 

सिर के जिस हिस्से में दर्द हो, उसके दूसरे हिस्से की तरफ नाक के छिद्र में एक बूंद शहद डालने से सर का दर्द दूर हो जाता है।

 

कई बार पेट में गैस बनने से भी सिर दर्द होता है। इसके लिए एक ग्लास में गर्म पानी और नींबू का रस मिला कर पीएं। इससे आपको सिर दर्द से जल्दी राहत मिलती है ।

 

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