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Saturday, August 1, 2020

Ayurveda and Yoga may eliminate Covid-19, say experts

योग एवं आयुर्वेद को अपनाकर पूरी मानव जाति एक स्वस्थ और 
लाभप्रद जीवन यापन कर सकती है - प्रो. दिनेश्वर प्रसाद

आयुर्वेद के इतिहास से पता चलता है कि हर 100 साल में इस तरह की महामारी आती है, जिसका मुकाबला करने के लिए आयुर्वेद के ग्रंथों में विस्तृत वर्णन किया गया है और इस महामारी से बचने के लिए उपाय बताए गए हैं - प्रो. दिनेश्वर प्रसाद
कोरोना महामारी : योग एवं आयुर्वेद की नजर में
विषय पर वेबिनार का किया आयोजन



सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) एवं रिजिनल आउट रीच ब्यूरो(आरओबी)पटना द्वारा "कोरोना महामारी: योग एवं आयुर्वेद की नजर में" विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पीआईबी, पटना के अपर महानिदेशक श्री शैलेश कुमार मालवीय एवं सह-अध्यक्षता निदेशक श्री दिनेश कुमार ने किया।
वेबिनार के मुख्य अतिथि वक्ता के तौर पर राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल, पटना के प्रिंसिपल प्रोफेसर श्री दिनेश्वर प्रसाद शामिल हुए थें। अन्य अतिथि वक्ताओं में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, पटना के स्वस्थवृत्त एवं योग विभाग के विभागाध्यक्ष योगाचार्य प्रोफेसर श्री गंगाधर सिंह एवं हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर श्री शंकर कुमार ने हिस्सा लिया। इसके अतिरिक्त आरओबी एवं दूरदर्शन (न्यूज), पटना के निदेशक श्री विजय कुमार एवं पटना के जाने-माने आयुर्वेद चिकित्सक तथा छात्र-छात्राएं भी वेबिनार के दौरान मौजूद थें।



पीआईबी, पटना के निदेशक श्री दिनेश कुमार ने अपने विषय प्रवेश संबोधन में कोरोना महामारी में आयुर्वेद और योग के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि चूंकि कोरोना वायरस का अब तक कोई दवा या टीका नहीं बना है, इसलिए इसमें तरह-तरह के सुझाव और उपाय बताए जा रहे हैं। योग एवं आयुर्वेद से जुड़ी हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति कोरोना जैसी महामारी में एक वरदान साबित हो सकती है। उन्होंने आयुर्वेद में वर्णित चिकित्सा पद्धतियों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।


मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में वेबिनार को संबोधित करते हुए राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल, पटना के प्रिंसिपल श्री दिनेश्वर प्रसाद ने अपने संबोधन में आयुर्वेद और योग को आम लोगों के जीवन में योगदान पर विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद को अपनाकर पूरी मानव जाति एक स्वस्थ और लाभप्रद जीवन यापन कर सकती है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के इतिहास से पता चलता है कि हर 100 साल में इस तरह की महामारी आती है, जिसका मुकाबला करने के लिए आयुर्वेद के ग्रंथों में विस्तृत वर्णन किया गया है और इस महामारी से बचने के लिए उपाय बताए गए हैं।
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल,
पटना के प्रिंसिपल श्री दिनेश्वर प्रसाद



श्री प्रसाद ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में कोरोना जैसी बीमारी से बचने के लिए बहुत तरह की जड़ी-बूटियों के प्रयोग के बारे में बताया। जैसे काढ़ा, गिलोय, पंचगोल, आंवला, बाकस, पंचकर्म इत्यादि। उन्होंने कहा कि हम इन जड़ी-बूटियों के सही मिश्रण के प्रयोग करके कोरोना और दूसरी वायरल बीमारियों से बच सकते हैं।



अतिथि वक्ता के रूप में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, पटना के स्वस्थवृत्त एवं योग विभाग के विभागाध्यक्ष योगाचार्य प्रोफेसर श्री गंगाधर सिंह ने कोरोना और दूसरी वायरल बीमारियों से बचने के लिए विभिन्न प्रकार के आसन-योगासन और प्राणायाम के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री गंगाधर ने कहा कि कोरोना में ज्यादातर लोग सांस की परेशानी से मर रहे हैं। आयुर्वेद के ग्रंथों में सांस को सही करने के लिए बहुत से आसान उपाए बताए गए हैं, जिसको अपनाकर हम इस बीमारी से बच सकते हैं। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कोरोना महामारी से बचने के लिए कुछ कारगर योगासन और प्राणायाम का लाइव डेमो देकर समझाने की कोशिश की। उन्होंने आयुष मंत्रालय द्वारा बताए गए योग-प्राणायाम के प्रोटोकॉल की भी चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रोटोकॉल के हिसाब से बताए गए क्रम में योग- प्राणायाम करने से समुचित लाभ मिलता है क्योंकि इसका वैज्ञानिक आधार है।



अतिथि वक्ता के रूप में हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर श्री शंकर कुमार ने कोरोना महामारी में आयुर्वेद और योग के विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कोविड-19 से लड़ने के लिए प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों का विश्लेषणात्मक उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में हम डायग्नोसिस के बजाय प्रोगनोसिस करते हैं। उन्होंने कोविड-19 के विश्वव्यापी प्रसार के मानचित्र का विश्लेषण करते हुए आयुर्वेद में वर्णित जांगल और अनूप प्रदेश से इसकी साम्यता और संबंध का भी जिक्र किया।


कार्यक्रम का संचालन पत्र सूचना कार्यालय के सहायक निदेशक श्री संजय कुमार एवं सह-संचालन फील्ड आउटरीच ब्यूरो, छपरा के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री पवन कुमार ने किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन पत्र सूचना कार्यालय के सूचना सहायक श्री इफ्तेखार आलम ने दिया।




Tuesday, July 28, 2020

How to know health condition: Urine is the way

Urine is the best method to know health condition

 पेशाब में आ रहा है झाग तो हो जाये सावधान

 

ज्यादातर लोग पेशाब में झाग को सामान्य तौर पर लेते हैं और अनदेखा करते हैं. लेकिन आप इस बात को जानकर हैरान हो जाएंगे कि पेशाब में झाग आना या बुलबुले बनना आम या सामान्य नहीं है इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।

 

पेशाब में झाग या बुलबुला का आना दर्शाता है कि हमारा शरीर अंदरूनी रूप से बीमार है यानी कि कहीं ना कहीं कुछ तो समस्या है जिसकी वजह से पेशाब में झाग आ रहा है।

 

वैसे तो इसके कई कारण हैं लेकिन कुछ कारण ऐसे हैं जो हमारी जान के लिए आफत भी बन सकता है.

इसलिए इसके नुकसान के बारे में हर किसी को निश्चित रूप से जानना चाहिए।

 

तो चलिए जानते हैं कि आखिर पेशाब में झाग आने के पीछे कौन-कौन से कारण हो सकते हैं और ये हमारे शरीर को क्या नुकसान पहुंचा सकते हैं.

 

तनाव:

 जिन लोगों को अधिक मानसिक तनाव होता है उन्हें यूरिन की यह समस्या हो सकती है। एलब्यूमिन नाम का एक प्रोटीन जो यूरिन में पाया जाता है, अधिक तनाव लेने के कारण यह प्रोटीन किडनी से बाहर निकलने लगता है जिससे यूरिन में झाग बनती है।

 

किडनी में पथरी:

 किडनी में पत्थरी या इसके अस्वस्थ होने की वजह से भी यूरिन में झाग बनती है।

 

गर्भावस्था के दिनों में -

 आम तौर पर जब महिलाएं गर्भवती होती हैं तो उनके किडनी का आकार बढ़ने लगता है. डॉक्टरों की माने तो प्रेगनेंसी के दिनों में महिलाओं की किडनी में काफी ज्यादा मात्रा में अमिनो एसिड फिल्टर होता रहता है जिसकी वजह से पेशाब में झाग आने लगता है.

 

डिहाइड्रेशन -

 डिहाइड्रेशन के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है और पेशाब गाढ़ा होने लग जाता है जिसकी वजह से भी पेशाब में झाग आना आम बात है. अगर आपके साथ भी ऐसी समस्या हो रही है तो आपको भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए।

 

बार बार पेशाब आना -

 अगर किसी व्यक्ति को बार बार पेशाब आता है तो ऐसे में पेशाब में झाग आना सामान्य सी बात है इसमें कोई डरने की बात नहीं होती.

 

प्रोटीन की मात्रा का बढ़ना -

 प्रोटीन का जरूरत से ज्यादा सेवन हमारे शरीर में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ा देता है.

अगर हमारा शरीर स्वस्थ है और उसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो जाती है तो ऐसे में ये प्रोटीन पेशाब के द्वारा बाहर आता है जिसकी वजह से पेशाब में बुलबुले या झाग आने लगते हैं. इसके लिए आवश्यक है कि उचित मात्रा में ही प्रोटीन लेना चाहिए.

 

यूरीन में इंफेक्शन -

 यूरिन में इंफेक्शन होने की परिस्थिति में जो रोगाणु होते हैं वे पेशाब के रास्ते बाहर निकलते रहते हैं जिसकी वजह से पेशाब में बुलबुले या झाग बनने लगते हैं. इसके लिए एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करना चाहिए.

 

किडनी खराबी के लक्षण -

 कई बार लगातार पेशाब में झाग का बनना किडनी के खराब होने का भी संकेत दे सकता है. इसलिए अगर आपके पेशाब में लगातार झाग आ रहा है तो तुरंत ही किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से आपको परामर्श लेने की आवश्यकता है।

 आप ध्यान देंगे तो पाएंगे कि किसी भी बीमारी के इलाज के लिए जाएं तो पेशाब की जांच करवाने के लिए निश्चित रूप से कहा जाता है क्योंकि किसी भी व्यक्ति के पेशाब के बदबू या फिर रंग से उसके स्वास्थ्य की जानकारी मिल सकती है. परंतु कभी-कभी अगर झाग आता है तो ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. लेकिन लगातार ऐसा हो रहा है तो निश्चित रुप से तुरंत ही डॉक्टर की परामर्श ले लेनी चाहिए.

 

पेशाब में झाग

हमारा शरीर ऐसा है जो किसी भी बीमारी का संकेत हमें निश्चित रूप से देता है. बस आवश्यकता होती है हमें उसे पहचानने की और अपने आप को स्वस्थ और फिट बनाएं रख सकते हैं.

 

Health Warning and Cautions.

Your patience matters as these have no bad side effect.

सभी टिप्स कारगर है लेकिन यूज करते समय नियमितता ओर धैर्य रखे

ये होम रिमेडिज है जादू की छडी नही 100% फायदा होता है नुकसान कुछ नही है

आज की पोस्ट मे बताये नुस्खे के सामान से आपको एलर्जी है तो उसको ना यूज करना आपकी जिम्मेदारी है

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