🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक - 15 नवंबर 2021*
⛅ *दिन - सोमवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2078*
⛅ *शक संवत -1943*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - हेमंत*
⛅ *मास - कार्तिक*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - द्वादशी पूर्ण रात्रि तक*
⛅ *नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद शाम 06:09 तक तत्पश्चात रेवती*
⛅ *योग - वज्र 16 नवंबर रात्रि 01:36 तक तत्पश्चात सिद्धि*
⛅ *राहुकाल - सुबह 08:13 से सुबह 09:36 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:50*
⛅ *सूर्यास्त - 17:55*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी (भागवत), तुलसी विवाह प्रारंभ, चातुर्मास समाप्त, पंढरपुर यात्रा, द्वादशी वृद्धि तिथि*
💥 *विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो* 🌷
➡ *16 नवम्बर 2021 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है ।*
🙏🏻 *किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाए और ५ बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें :*
👉🏻 *ये मंत्र बोले :–*
🌷 *ॐ भौमाय नमः*
🌷 *ॐ मंगलाय नमः*
🌷 *ॐ भुजाय नमः*
🌷 *ॐ रुन्ह्र्ताय नमः*
🌷 *ॐ भूमिपुत्राय नमः*
🌷 *ॐ अंगारकाय नमः*
👉🏻 *और हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें:-*
🌷 *धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम |*
*कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम ||*
🙏🏻 *
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *कर्ज-निवारक कुंजी भौम प्रदोष व्रत* 🌷
🙏🏻 *त्रयोदशी को मंगलवार उसे भौम प्रदोष कहते हैं ....इस दिन नमक, मिर्च नहीं खाना चाहिये, इससे जल्दी फायदा होता है | मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं। इस दिन संध्या के समय यदि भगवान भोलेनाथ का पूजन करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें। पूजा करते समय यह मंत्र बोलें –*
🌷 *मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्।* *जन्ममृत्युजराव्याधिपीड़ितः कर्मबन्धनः।।*
🙏🏻*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *विष्णुपदी संक्रांति* 🌷
➡ *जप तिथि : 16 नवम्बर 2021 मंगलवार को ( विष्णुपदी संक्रांति )*
*पुण्य काल सूर्योदय से दोपहर 01:04 तक |*
🙏🏻 *विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | – (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *कार्तिक मास के अंतिम 3 दिन दिलाएं महा पुण्य पुंज*
🙏🏻 *कार्तिक मास में सभी दिन अगर कोई स्नान ना कर पाए तो त्रयोदशी, चौदस और पूनम ये तीन दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लेने से पूरे कार्तिक मास के स्नान के पुण्यो की प्राप्ति होती है l*
🙏🏻 *इन तीन दिन विष्णु सहस्रनाम पाठ और गीता का पाठ भी अत्यंत प्रभावशाली और पुण्यदायी है l*
📖 *)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏
🌷 *देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी* 🌷
➡ *14 नवम्बर 2021 रविवार को प्रातः 05:49 से 15 नवम्बर सोमवार को प्रातः 06:39 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष - 15 नवम्बर सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
🙏🏻 *भगवान श्रीकृष्ण ने कहा : हे अर्जुन ! मैं तुम्हें मुक्ति देनेवाली कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की ‘प्रबोधिनी एकादशी’ के सम्बन्ध में नारद और ब्रह्माजी के बीच हुए वार्तालाप को सुनाता हूँ । एक बार नारादजी ने ब्रह्माजी से पूछा : ‘हे पिता ! ‘प्रबोधिनी एकादशी’ के व्रत का क्या फल होता है, आप कृपा करके मुझे यह सब विस्तारपूर्वक बतायें ।’*
🙏🏻 *ब्रह्माजी बोले : हे पुत्र ! जिस वस्तु का त्रिलोक में मिलना दुष्कर है, वह वस्तु भी कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की ‘प्रबोधिनी एकादशी’ के व्रत से मिल जाती है । इस व्रत के प्रभाव से पूर्व जन्म के किये हुए अनेक बुरे कर्म क्षणभर में नष्ट हो जाते है । हे पुत्र ! जो मनुष्य श्रद्धापूर्वक इस दिन थोड़ा भी पुण्य करते हैं, उनका वह पुण्य पर्वत के समान अटल हो जाता है । उनके पितृ विष्णुलोक में जाते हैं । ब्रह्महत्या आदि महान पाप भी ‘प्रबोधिनी एकादशी’ के दिन रात्रि को जागरण करने से नष्ट हो जाते हैं ।*
🙏🏻 *हे नारद ! मनुष्य को भगवान की प्रसन्नता के लिए कार्तिक मास की इस एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए । जो मनुष्य इस एकादशी व्रत को करता है, वह धनवान, योगी, तपस्वी तथा इन्द्रियों को जीतनेवाला होता है, क्योंकि एकादशी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है ।*
🙏🏻 *इस एकादशी के दिन जो मनुष्य भगवान की प्राप्ति के लिए दान, तप, होम, यज्ञ (भगवान्नामजप भी परम यज्ञ है। ‘यज्ञानां जपयज्ञोऽस्मि’ । यज्ञों में जपयज्ञ मेरा ही स्वरुप है।’ - श्रीमद्भगवदगीता ) आदि करते हैं, उन्हें अक्षय पुण्य मिलता है ।*
🙏🏻 *इसलिए हे नारद ! तुमको भी विधिपूर्वक विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए । इस एकादशी के दिन मनुष्य को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए और पूजा करनी चाहिए । रात्रि को भगवान के समीप गीत, नृत्य, कथा-कीर्तन करते हुए रात्रि व्यतीत करनी चाहिए ।*
🙏🏻 *‘प्रबोधिनी एकादशी’ के दिन पुष्प, अगर, धूप आदि से भगवान की आराधना करनी चाहिए, भगवान को अर्ध्य देना चाहिए । इसका फल तीर्थ और दान आदि से करोड़ गुना अधिक होता है ।*
🙏🏻 *जो गुलाब के पुष्प से, बकुल और अशोक के फूलों से, सफेद और लाल कनेर के फूलों से, दूर्वादल से, शमीपत्र से, चम्पकपुष्प से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, वे आवागमन के चक्र से छूट जाते हैं । इस प्रकार रात्रि में भगवान की पूजा करके प्रात:काल स्नान के पश्चात् भगवान की प्रार्थना करते हुए गुरु की पूजा करनी चाहिए और सदाचारी व पवित्र ब्राह्मणों को दक्षिणा देकर अपने व्रत को छोड़ना चाहिए ।*
🙏🏻 *जो मनुष्य चातुर्मास्य व्रत में किसी वस्तु को त्याग देते हैं, उन्हें इस दिन से पुनः ग्रहण करनी चाहिए । जो मनुष्य ‘प्रबोधिनी एकादशी’ के दिन विधिपूर्वक व्रत करते हैं, उन्हें अनन्त सुख मिलता है और अंत में स्वर्ग को जाते हैं ।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
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