Friday, July 2, 2021

Aaj Ka Panchang 02072021

   

🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 02 जुलाई 2021*
⛅ *दिन - शुक्रवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2078 (गुजरात - 2077)*
⛅ *शक संवत - 1943*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - वर्षा* 
⛅ *मास - आषाढ़ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - ज्येष्ठ)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण* 
⛅ *तिथि - अष्टमी शाम 03:28 तक तत्पश्चात नवमी*
⛅ *नक्षत्र - रेवती पूर्ण रात्रि तक*
⛅ *योग - शोभन सुबह 10:54 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
⛅ *राहुकाल - सुबह 11:02 से दोपहर 12:43 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:02* 
⛅ *सूर्यास्त - 19:23* 
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - 
 💥 *विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *नकसीर* 🌷
😪 *यह होने पर सिर पर ठंडा पानी डालें | ताज़ी व कोमल दूब ( दूर्वा ) का रस अथवा हरे धनिये का रस बूँद – बूँद नाक में टपकाने से रक्त निकलना बंद हो जाता है | दिन में दो – तीन बार १० ग्राम आँवले के रस में मिश्री मिलाकर पिलायें अथवा गन्ने का ताजा रस पिलाने से नकसीर में पूरा आराम मिलता है |*
🙏🏻 *- ऋषिप्रसाद – मई २०१६ से*
            🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

🌷 *बेहोश होने पर( Coma से बाहर लाने )*
😇 *कोई बेहोश हो गया हो तो उसके सिर पर तिल के तेल की मालिश करो, पैरों पर तिल का तेल रगड़ो । उस के कानों में "ऐं ऐं" अथवा "ॐ ॐ" बोलें ।*
🙏🏻 *पूज्य बापूजी - Pushkar 9th Aug 2010*
              🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *मनोरथ सिद्धि* 🌷
🙏🏻 *“गुरु ….गुरु” के जप से भक्तों का मनोरथ पूरा होता है |*
🙏🏻  *भगवान शिवजी कहते है: गुरु मंत्रों मुखे यस्य, तस्य सिद्धि न अन्यथा गुरु लाभात सर्व लाभों गुरु हीनस्थ बालिश: |*
🙏🏻 *जिसके जीवन में गुरु नही है उसका कोई सच्चा हित करने वाला भी नहीं है | जिसके जीवन में गुरु है वो चाहे बाहर से शबरी भीलन जैसा गरीब हो फिर भी सोने की लंका वाले रावन से शबरी आगे आ गयी, रविदास चमार हो फिर भी गुरु मन्त्र है मीरा के तारणहार हो गए |*
🙏🏻 *गुरु शब्द बहुत  powerful है और गुरुदर्शन, गुरु blessing बहुत बहुत कल्याण करता है | तो बोले 'गु'कार सिद्धि प्रोक्तो रेफ़ पापस्य हारक | गुरु में ‘र’ जो है पापनाशक है | 'ऊ'कारो विष्णु अव्यक्त: त्रेआत्मा: गुरु परः | ये तीनो शब्द गुरु शब्द के है | गुरु शब्द का ‘ग’कार सिद्धि देनेवाला, ‘र’कार पाप हरनेवाला ‘ऊ’कार अव्यक्त विष्णु भगवान से मिलानेवाला | गुरु वो है जो श्रेष्ठ है और तीनों से पार भी है | ये आगमसार ग्रंथ है उसका श्लोक मैंने तुमको सुनाया |*
🙏🏻 *- Pujya Bapuji Hyderabad 4th July' 2013*

              🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

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