Monday, April 25, 2022

Aaj Ka Panchang 25042022

*🌞 ~ आज का हिन्दू पंचांग ~ 🌞*
*⛅दिनांक 25 अप्रैल 2022*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत - 2079*
*⛅शक संवत - 1944*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - वैशाख*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - दशमी रात्रि 01:38 तक तत्पश्चात एकादशी
*⛅नक्षत्र - धनिष्ठा शाम 05:13 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅योग - शुक्ल रात्रि 08:56 तक  तत्पश्चात ब्रह्म*
*⛅राहुकाल - सुबह 07:48 से 09:24 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:11*
*⛅सूर्यास्त - 07:04*
*⛅दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः  04:42 से 05:27 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12.15 से 01:00 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - पंचक प्रारम्भ*

*🔹25 अप्रैल से पंचक प्रारम्भ🔹*
*( 25 अप्रैल 2022, सोमवार को प्रात: 05 बजकर 30 मिनट से पंचक शुरू हो रहीं हैं। जो 29 अप्रैल, शुक्रवार शाम 6 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। )*
*हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने ऐसे पांच दिन आते हैं जिनमें शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता। इन दिनों को पंचक कहा जाता है। इस बार 25 अप्रैल से पंचक लगने जा रहे हैं। जो 29 अप्रैल तक रहेंगे। सोमवार के दिन शुरु होने वाले पंचक को राज पंचक कहा जाता है।*
*🔹पंचक में इन पांच कामों को नहीं करना चाहिए*
*1. मकान पर छत नहीं डलवानी चाहिए।*
*2. इस दौरान लकड़ी न तो एकत्रित करनी चाहिए और न ही खरीदनी चाहिए।*
*3. इस दौरान शव जलाने के लिए भी मना किया जाता है।*
*4. पंचक के समय बेड या चारपाई भी नहीं बनवानी चाहिए ।*
*5.पंचक के दौरान दक्षिण  दिशा की यात्रा नहीं  करनी चाहिए।*
*🔹एकादशी व्रत महिमा🔹*
*( 26 अप्रैल वरुथिनी एकादशी )*
*➡️एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*

*➡️जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

*➡️जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

*➡️एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*

*➡️धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*

*➡️कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*

*➡️परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।*

*➡️भगवान शिवजी  ने नारद से कहा है  एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*

*➡️एकादशी के दिन उपवास और रात्रि (12 बजे तक) में जागरण करनेवाले मनुष्य अनायास ही दिव्यरुपधारी,चतुर्भुज,गरुड़ की ध्वजा से युक्त,हार से सुशोभित और पीताम्बरधारी होकर भगवान विष्णु के धाम को जाते हैं। ऐसे पुरुष मातृपक्ष-पितृपक्ष तथा पत्नी के पक्ष की भी दस पीढ़ियों का उद्धार कर देते हैं।*

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