⛅ *दिनांक 27 सितम्बर 2021*
⛅ *दिन - सोमवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2078 (गुजरात - 2077)*
⛅ *शक संवत -1943*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - शरद*
⛅ *मास -अश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार - भाद्रपद)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - षष्ठी शाम 03:43 तक तत्पश्चात सप्तमी*
⛅ *नक्षत्र - रोहिणी शाम 05:42 तक तत्पश्चात म्रगशिरा*
⛅ *योग - सिद्धि शाम 04:52 तक तत्पश्चात व्यतिपात*
⛅ *राहुकाल - सुबह 07:59 से सुबह 09:29 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:29*
⛅ *सूर्यास्त - 18:29*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *सर्वलाभ की कुंजी* 🌷
👉🏻 *कैसा भी बीमार व्यक्ति हो, उसको हरिनाम की, ‘हरि ॐ’ की साधना दे दो, चंगा होने लगेगा |* *बिल्कुल पक्की बात है !*
👉🏻 *आपको स्वस्थ रहना है तो भी भगवान का नाम, प्रसन्न तथा निरहंकारी रहना है तो भगवान का नाम, उद्योगी एवं साहसी होना है तो भगवान का नाम और पूर्वजों का मंगल करना है तो भी भगवान का नाम....|*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद -सितम्बर 2021 से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *व्यतिपात योग* 🌷
🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*
🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।*
🙏🏻 *व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।*
💥 *विशेष ~ 27 सितम्बर 2021 सोमवार को शाम 04:53 से 28 सितम्बर, मंगलवार को शाम 05:51 तक व्यतीपात योग है।*
🙏🏻 *कथा स्रोत - बडोदा २००८ में १२ नवम्बर को सुबह के दीक्षा सत्र में (स्वामी सुरेशानन्द जी के सत्संग से)*
No comments:
Post a Comment