Saturday, September 5, 2020

FAQ About Human Body, It Is Very Precious

Our Body Is Very Precious,
Please Take Care Of Yourself


Frequently Asked Questions about Human Body


वैज्ञानिकों ने बताया कितना दिलचस्प है इंसान का शरीर

अद्भुत है इंसान का शरीर

जबरदस्त फेफड़े

हमारे फेफड़े हर दिन 20 लाख लीटर हवा को फिल्टर करते हैं. हमें इस बात की भनक भी नहीं लगती. फेफड़ों को अगर खींचा जाए तो यह टेनिस कोर्ट के एक हिस्से को ढंक देंगे.

ऐसी और कोई फैक्ट्री नहीं

हमारा शरीर हर सेकंड 2.5 करोड़ नई कोशिकाएं बनाता है. साथ ही, हर दिन 200 अरब से ज्यादा रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है. हर वक्त शरीर में 2500 अरब रक्त कोशिकाएं मौजूद होती हैं. एक बूंद खून में 25 करोड़ कोशिकाएं होती हैं.

लाखों किलोमीटर की यात्रा

इंसान का खून हर दिन शरीर में 1,92,000 किलोमीटर का सफर करता है. हमारे शरीर में औसतन 5.6 लीटर खून होता है जो हर 20 सेकेंड में एक बार पूरे शरीर में चक्कर काट लेता है.

धड़कन, धड़कन

एक स्वस्थ इंसान का हृदय हर दिन 1,00,000 बार धड़कता है. साल भर में यह 3 करोड़ से ज्यादा बार धड़क चुका होता है. दिल का पम्पिंग प्रेशर इतना तेज होता है कि वह खून को 30 फुट ऊपर उछाल सकता है.

सारे कैमरे और दूरबीनें फेल

इंसान की आंख एक करोड़ रंगों में बारीक से बारीक अंतर पहचान सकती है. फिलहाल दुनिया में ऐसी कोई मशीन नहीं है जो इसका मुकाबला कर सके.

नाक में एंयर कंडीशनर

हमारी नाक में प्राकृतिक एयर कंडीशनर होता है. यह गर्म हवा को ठंडा और ठंडी हवा को गर्म कर फेफड़ों तक पहुंचाता है.

400 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार

तंत्रिका तंत्र 400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से शरीर के बाकी हिस्सों तक जरूरी निर्देश पहुंचाता है. इंसानी मस्तिष्क में 100 अरब से ज्यादा तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं.

जबरदस्त मिश्रण

शरीर में 70 फीसदी पानी होता है. इसके अलावा बड़ी मात्रा में कार्बन, जिंक, कोबाल्ट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट, निकिल और सिलिकॉन होता है.

बेजोड़ झींक

झींकते समय बाहर निकले वाली हवा की रफ्तार 166 से 300 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है. आंखें खोलकर झींक मारना नामुमकिन है.

बैक्टीरिया का गोदाम

इंसान के वजन का 10 फीसदी हिस्सा, शरीर में मौजूद बैक्टीरिया की वजह से होता है. एक वर्ग इंच त्वचा में 3.2 करोड़ बैक्टीरिया होते हैं.

ईएनटी की विचित्र दुनिया

आंखें बचपन में ही पूरी तरह विकसित हो जाती हैं. बाद में उनमें कोई विकास नहीं होता. वहीं नाक और कान पूरी जिंदगी विकसित होते रहते हैं. कान लाखों आवाजों में अंतर पहचान सकते हैं. कान 1,000 से 50,000 हर्ट्ज के बीच की ध्वनि तरंगे सुनते हैं.

दांत संभाल के

इंसान के दांत चट्टान की तरह मजबूत होते हैं. लेकिन शरीर के दूसरे हिस्से अपनी मरम्मत खुद कर लेते हैं, वहीं दांत बीमार होने पर खुद को दुरुस्त नहीं कर पाते.

मुंह में नमी

इंसान के मुंह में हर दिन 1.7 लीटर लार बनती है. लार खाने को पचाने के साथ ही जीभ में मौजूद 10,000 से ज्यादा स्वाद ग्रंथियों को नम बनाए रखती है.

झपकती पलकें

वैज्ञानिकों को लगता है कि पलकें आंखों से पसीना बाहर निकालने और उनमें नमी बनाए रखने के लिए झपकती है. महिलाएं पुरुषों की तुलना में दोगुनी बार पलके झपकती हैं.

नाखून भी कमाल के

अंगूठे का नाखून सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ता है. वहीं मध्यमा या मिडिल फिंगर का नाखून सबसे तेजी से बढ़ता है.

तेज रफ्तार दाढ़ी

पुरुषों में दाढ़ी के बाल सबसे तेजी से बढ़ते हैं. अगर कोई शख्स पूरी जिंदगी शेविंग न करे तो दाढ़ी 30 फुट लंबी हो सकती है.

खाने का अंबार

एक इंसान आम तौर पर जिंदगी के पांच साल खाना खाने में गुजार देता है. हम ताउम्र अपने वजन से 7,000 गुना ज्यादा भोजन खा चुके होते हैं.

बाल गिरने से परेशान

एक स्वस्थ इंसान के सिर से हर दिन 80 बाल झड़ते हैं.

सपनों की दुनिया

इंसान दुनिया में आने से पहले ही यानी मां के गर्भ में ही सपने देखना शुरू कर देता है. बच्चे का विकास वसंत में तेजी से होता है.

नींद का महत्व

नींद के दौरान इंसान की ऊर्जा जलती है. दिमाग अहम सूचनाओं को स्टोर करता है. शरीर को आराम मिलता है और रिपेयरिंग का काम भी होता है. नींद के ही दौरान शारीरिक विकास के लिए जिम्मेदार हार्मोन्स निकलते हैं.






How to prepare perfect balushahi at home, अब घर में बालूशाही बनाना हुवा आसान, वो भी हलुवाई जैसा

Ab ghar me balushahi banana huwa aasan, wo bhi haluwaee jaisa


अब घर में बालूशाही बनाना हुवा आसान, वो भी हलुवाई जैसा 




बालूशाही

बालूशाही खाने में एकदम खस्ता एवं स्वादिष्ट होती है एवं इसमें मावा का उपयोग नहीं होता है


आवश्यक सामग्री


मैदा - 500 ग्राम (4 कप)
घी - 150 ग्राम (3/4 कप) मैदा में मिलाने के लियेबेकिंग सोडा - आधा चम्मच
दही - आधा कपचीनी - 600 ग्राम ( 3 कप)घी तलने के लिये


विधि


मैदा में बेकिंग सोडा, दही और घी डालकर मिलाइये, गुनगुने पानी की सहायता से नरम नरम गूंथ लीजिये. आटा को ज्यादा मलिये मत, बस आटा इकठ्ठा कीजिये और आटे को सैट होने के लिये 20 मिनिट के लिये रख दीजिये.


आटे को सैट होने के बाद थोड़ा सा मल कर ठीक कीजिये, गुथे आटे से छोटे नींबू के साइज की लोइयां तोड़िये. इसे दोनों हथेलियों से एकदम गोल गोल कीजिये. पेड़े की तरह से दबाईये एवं दोंनो ओर अंगूठे से दबा कर गड्डा बना दीजिये. सारे आटे से इसी तरह सारी बालूशाही तैयार कर लीजिये.





तलने के लिये कढ़ाई में घी डालकर गरम दीजिये. जब घी गर्म हो जाये तो तैयार बालूशाही को गरम घी में डालिये, धीमी और मीडियम आग पर बालूशाही को दोंनो ओर अच्छा ब्राउन होने तक तक तल लीजिये, तेज आग पर तली बालूशाही अन्दर से अच्छी तरह से नहीं सिक पायेंगी.


सुनहरी तली हुई बालूशाही कड़ाही से निकाल कर थाली या प्लेट में रख लीजिये. सारी बालूशाही तल कर निकाल लीजिये.


600 ग्राम चीनी में 300 ग्राम पानी मिलाकर एक तार की चाशनी बना लीजिये. गैस बन्द कर दीजिये और हल्की गरम चाशनी में बालूशाही डाल दीजिये. बालूशाही को 4-5 मिनिट तक डूबा रहने के बाद इन्हें चिमटे की सहायता से एक एक करके निकाल कर थाली या प्लेट में रखिये, ठंडा कर लीजिये ताकि बालूशाही पर चड़ी चाशनी सूख जाये.


स्वादिष्ट बालूशाही तैयार हैं, आप इन्हैं किसी भी एअर टाइट कन्टेनर में भरकर रख लीजिये, 20 दिनों तक जब भी आपका मन करे कन्टेनर से बालूशाही निकालिये और खाइये.

Wednesday, September 2, 2020

Bioactive Compounds in green tea are good for health

Green Tea beneficial for heart diseases


दिल की बीमारियों के लिए बहुत फयादेंमंद होती है ग्रीन टी





इसमें कुछ ज्यादा सामग्री काम में नहीं ली जाती है और अगर आप मोटापे को कम करने के लिए काम में ले रहे हो तो आप चीनी के स्थान पर सुगर फ्री भी काम में ले सकते हैं  क्योकि ये ज्यादा फायदेमंद होती है|

ग्रीन टी बनाने की विधि


चीनी (स्वाद अनुसार )
ग्रीन टी बेग
एक चाय लेने के लिए केतली
2 कप पानी

ये बहुत ही अशानी से बन जाती है लेकिन इसकी नार्मल चाय से थोड़ी से अलग विधि होती है :-
सबसे पहले 2 या 3 कप पानी ले और उसको उबाल ले |
इसके बाद एक कप उबलते  हुए पानी को ले|
इसके बाद ग्रीन टी बेग को कप में डालकर 2 से 3 मिनट तक प्रतीक्षा करें |
धीरे धीरे रंग आने लग जायेगा|
ग्रीन टी बेग को ज्यादा देर तक नहीं रखे वरना ज्यादा कड़वी हो सकती है|
फिर आवस्यकता अनुसार चीनी मिलाकर आप पी सकते है|


चाय के प्रकार

हम काली चाय तो रेगुलर पिते ही हैं  और आज हरी चाय सेहत के लिए पिते हैं , लेकिन क्या आप जानते हैं  चाय कितने प्रकार की होती है? आपको  बता दे की चाय दो प्रकार की होती है एक हरी और दूसरी नार्मल दूधवाली चाय
काली चाय – इसमें चाय की पतियों को सीधे धुप में न सुखाकर भाप में सुखाया जाता है जिससे ये काली हो जाती है| भारत में सबसे ज्यादा पिया जाना वाला पेय है|
हरी चाय – इसमें भाप में न सुखाकर सीधे दुप में सुखाते है जिससे ये काली कम पड़ती है तथा हरा सा रहता है| इसी कारण ये स्वस्थ्य के लिए इतनी लाभदायक साबित होती है|

ग्रीन टी के फायदे



वैसे तो ग्रीन के बहुत सारे फायदे हैं  लेकिन उन में से कुछ प्रमुख ये है :-
ये मोटापे के लिए बहुत ही कारगर होती है|
ये पेट की चर्बी पे भी बहुत कारगर होती है|
इसमें पाए जाने वाले Bioactive Compounds हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं |
अभी रिसर्च से पता चला है कि जो महिलाये रेगुलर ग्रीन टी पीती है उनमे कैंसर का 22% lower risk रहता है|
बुडापे में आपके ब्रेन का स्वस्थ्य बनाये रखने में भी काफी मदद करती है|
इसमें Antioxidants पाए जाते है वो कई प्रकार के कैंसर को रोकने का काम करते है|
ये Brain Function को सही सुचारू रखने में मददगार होती है|
ये Alzheimer’s and Parkinson’s रोग की सम्भावना कम करता है|
ये Dental Health के लिए काफी फायदेमंद होती है|
ये Dental को इन्फेक्ट करने वाले बक्टेरिया को मारती है|
इसके नियमित सेवन करने से दांत के साथ मसुडो की प्रॉब्लम भी कम होती है और शान्से ताजा लगती है|
ये Diabetes की रिस्क को भी कम करती है|
ये Cardiovascular Disease में भी काफी फायदेमंद साबित हो रही है|
ये LDL cholesterol, cholesterol और triglycerides के लेवल को सामान्य बनाये रखने में मदद करती है| जिससे दिल की बीमारियों के लिए बहुत फयादेंमंद होटी है|
खाश कर अगर कोई दिल का मरीज होता है तो वो इसको हमेशा पी सकता है और अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए भी जिनमे दिल की बीमारियों की सिकायत होती है वो भी इसे ले सकते है|
जिस तरह बदती हुए उम्र में चहरे की त्वचा डिली पड़ने लग जाती है और चेहरे पर झुरिया आने लग जाती है तो आप इसको ग्रीन टी की सहायता से कम कर सकते है| चहरे की झुरियो में मभी ये काफी फायदेमंद साबित होती है,

ग्रीन टी के नुकशान
आपको बता दे ग्रीन टी के फायदे ही ही फायदे है इसका कोई बड़ा नुक्सान वाला इफ़ेक्ट नहीं है| 
हा अगर आप या आपका कोई सम्बन्धी सुगर का मरीज है तो आप उसे सुगर फ्री करने को कहें |

How to cure stammering (totlana): The best three remedies

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तोतलापन को दूर करने के उपाय-



पहला उपाय-
आयुर्वेद के मुताबिक आंवला इस बीमारी को दूर करने का बेहतर तरीका है। आँवला चूर्ण, कैंडी अथवा आंवला रस का सेवन कर सकते है


दूसरा उपाय-
रोजाना सुबह खाली पेट 10 बादाम और 10 काली मिर्च के दाने को मिश्री के साथ पीस कर खिलाने से तुतलाने की समस्या दूर हो जाएगी।


तीसरा उपाय-
रात को सोने से पहले 1 गिलास दूध में छुहारे उबाल कर पी ले। इसे पिलाने के 1 घंटे तक पानी नही पीना है इससे कुछ समय में ही तुतलाने की समस्या दूर हो जाएगी। ध्यान रखे दूध पीने के 2 घण्टे पहले व बाद में नमक वाला पदार्थ न ले ।


शंख मुद्रा करने से भी हकलाना, तोतलापन भी दूर होता है।